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उपलब्धि | upalabdhi

जून 18, 2012 ・0 comments
मैं क्या जिया ? मुझको जीवन ने जिया - बूँद-बूँद कर पिया, मुझको पीकर पथ पर ख़ाली प्याले-सा छोड़ दिया मैं क्या जला ? मुझको अग्नि ने छला - मैं ...
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