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कोयल

नवंबर 25, 2013 ・0 comments
काली-काली कू-कू करती, जो है डाली-डाली फिरती! कुछ अपनी हीं धुन में ऐंठी  छिपी हरे पत्तों में बैठी जो पंचम सुर में गाती है वह ही...
 कोयल
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