#1

ठुकरा दो या प्यार करो

जनवरी 22, 2017 ・0 comments
एक गहन भाव से भरी, एवं समर्पण भाव से आप्लावित,सुभद्रा कुमारी चौहान की यह  कविता " ठुकरा दो या प्यार करो " में उन्होंने इस चिर...
ठुकरा दो या प्यार करो
Read post
#2

मैं तेनु समझावां की ना तेरे बिना लगदा जी

जनवरी 22, 2017 ・0 comments
मैं तेनु समझावां की ना तेरे बिना लगदा जी मैं तेनु समझावां की ना तेरे बिना लगदा जी तू की जाने प्यार मेरा मैं करूं इंतजार तेरा तू दिल तूयो जान...
Read post
#3

व्यंग्य: आलस्य-भक्त by Babu Gulabrai

जनवरी 08, 2017 ・0 comments
अजगर करै न चाकरी, पंछी करे न काम। दास मलूका कह गए, सबके दाता राम ।। 1 प्रिय ठलुआ-वृंद! यद्यपि हमारी सभा समता के पहियों पर चल रही है और ...
व्यंग्य: आलस्य-भक्त by Babu Gulabrai
Read post
#4

नव वर्ष की बहुत-बहुत शुभ-कामनायें

जनवरी 01, 2017 ・0 comments
कल की नई सुबह इतनी            सुहानी हो जाए;     आपके दुखों की सारी बातें             पुरानी हो जाएं;       दे जाए इतनी खुशियां        ...
Read post