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अग्निरेखा (टकरायेगा नहीं)

दिसंबर 29, 2016 ・0 comments
टकरायेगा नहीं आज उद्धत लहरों से, कौन ज्वार फिर तुझे पार तक पहुँचायेगा ? अब तक धरती अचल रही पैरों के नीचे, फूलों की दे ओट सुरभि के...
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