ग़ालिब
फ़रवरी 15, 2013 ・0 comments ・Topic: ग़ालिब
मिर्ज़ा असद-उल्लाह बेग ख़ां उर्फ “ग़ालिब” (२७ दिसंबर १७९६ – १५ फरवरी १८६९) उर्दू एवं फ़ारसी
भाषा के महान शायर थे । इनको उर्दू का सर्वकालिक महान शायर माना जाता है
और फ़ारसी कविता के प्रवाह को हिन्दुस्तानी जबान में लोकप्रिय करवाने का भी
श्रेय दिया जाता है । यद्दपि इससे पहले के वर्षो में मीर तक़ी मीर भी इसी
वजह से जाने जाता है । ग़ालिब के लिखे पत्र, जो उस समय प्रकाशित नहीं हुए
थे, को भी उर्दू लेखन का महत्वपूर्ण दस्तावेज़ माना जाता है । ग़ालिब को
भारत और पाकिस्तान में एक महत्वपूर्ण कवि के रूप में जाना जाता है । उन्हे
दबीर-उल-मुल्क और नज़्म-उद-दौला का खिताब मिला।
ग़ालिब (और असद) नाम से लिखने वाले मिर्ज़ा मुग़ल काल के आख़िरी शासक
बहादुर शाह ज़फ़र के दरबारी कवि भी रहे थे । आगरा, दिल्ली और कलकत्ता में
अपनी ज़िन्दगी गुजारने वाले ग़ालिब को मुख्यतः उनकी उर्जू ग़ज़लों को लिए
याद किया जाता है । उन्होने अपने बारे में स्वयं लिखा था कि दुनिया में
बहुत से कवि-शायर ज़रूर हैं, लेकिन उनका लहजा सबसे निराला है:
“हैं और भी दुनिया में सुख़न्वर बहुत अच्छे
कहते हैं कि ग़ालिब का है अन्दाज़-ए बयां और”
साभार - विकिपीडिया से
अन्यत्र :
ग़ालिब की रचनाएँ कविता कोश में
दिवान - ए - ग़ालिब
मिर्ज़ा ग़ालिब की उर्दू गजले
मिर्ज़ा ग़ालिब(हिंदीकुंज में )]
एक टिप्पणी भेजें
हिन्दी की प्रसिद्ध कवितायें / रचनायें
Published on http://rachana.pundir.in
If you can't commemt, try using Chrome instead.