#1 माँ अप्रैल 30, 2015 ・0 comments ・Topic: प्रेमचंद (Author-प्रेमचंद) आज बन्दी छूटकर घर आ रहा है। करुणा ने एक दिन पहले ही घर लीप-पोत रखा था। इन तीन वर्षो में उसने कठिन तपस्या करके जो दस... Read post
#2 प्राप्ति अप्रैल 29, 2015 ・0 comments ・Topic: कविता प्राप्ति सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' तुम्हें खोजता था मैं, पा नहीं सका, हवा बन बहीं तुम, जब मैं थका, रुका । मुझे भर लिया तुमने गोद में, कितने चुम्बन दिये, मेरे मानव-म... Read post
#3 एक बूँद अप्रैल 16, 2015 ・0 comments ・Topic: अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ ज्यों निकल कर बादलों की गोद से थी अभी एक बूँद कुछ आगे बढ़ी सोचने फिर-फिर यही जी में लगी, आह! क्यों घर छोड़कर मैं यों कढ़ी? देव मेरे भा... Read post
#4 जागो प्यारे अप्रैल 16, 2015 ・0 comments ・Topic: अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ बाल-कविताएँ उठो लाल अब आँखें खोलो, पानी लाई हूँ, मुँह धो लो । बीती रात कमल-दल फूले, उनके ऊपर भौंरे झूले । चिड़ियाँ चहक उठी पेड़ों पर, बहने लगी ह... Read post