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जागो प्यारे
अप्रैल 16, 2015 ・0 comments ・Topic: अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ बाल-कविताएँ
उठो लाल अब आँखें खोलो, पानी लाई हूँ, मुँह धो लो । बीती रात कमल-दल फूले, उनके ऊपर भौंरे झूले । चिड़ियाँ चहक उठी पेड़ों पर, बहने लगी ह...
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