#1 प्राप्ति अप्रैल 29, 2015 ・0 comments ・Topic: कविता प्राप्ति सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' तुम्हें खोजता था मैं, पा नहीं सका, हवा बन बहीं तुम, जब मैं थका, रुका । मुझे भर लिया तुमने गोद में, कितने चुम्बन दिये, मेरे मानव-म... Read post