#1 मां के ठाकुर जी भोले हैं जून 18, 2012 ・0 comments ・Topic: महादेवी वर्मा ठंडे पानी से नहलाती ठंडा चन्दन उन्हें लगाती उनका भोग हमें दे जाती तब भी कभी न बोले हैं मां के ठाकुर जी भोले हैं। -- महादेवी वर्मा Read post
#2 चेतक की वीरता | chetak ki veerata जून 18, 2012 ・1 comments ・Topic: श्यामनारायण पाण्डेय रणबीच चौकड़ी भर-भर कर चेतक बन गया निराला था राणाप्रताप के घोड़े से पड़ गया हवा का पाला था जो तनिक हवा से बाग हिली लेकर सवार उड जाता थ... Read post
#3 वीर तुम बढ़े चलो | Veer Tum Badhe Chalo जून 18, 2012 ・0 comments ・Topic: द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी वीर तुम बढ़े चलो वीर तुम बढ़े चलो! धीर तुम बढ़े चलो! हाथ में ध्वजा रहे बाल दल सजा रहे ध्वज कभी झुके नहीं दल कभी रुके नहीं वीर तुम बढ़े चलो! धीर तुम बढ़े... Read post
#4 उपलब्धि | upalabdhi जून 18, 2012 ・0 comments ・Topic: धर्मवीर भारती मैं क्या जिया ? मुझको जीवन ने जिया - बूँद-बूँद कर पिया, मुझको पीकर पथ पर ख़ाली प्याले-सा छोड़ दिया मैं क्या जला ? मुझको अग्नि ने छला - मैं ... Read post
#5 सफलता या विफलता - Sir Walter Scott जून 11, 2012 ・0 comments "Success or failure is caused more by mental attitude than by mental capacity." - Sir Walter Scott सफलता या विफलता मानसिक क्षमत... Read post
#6 जब तक जाना खुद को ... जून 11, 2012 ・0 comments ・Topic: कविता कुसि जीवन जब तक जाना खुद को, देर बहुत होगई थी. वक़्त कैसे फ़िसला हाथ से, सुइया तो अबभी वहीँ थमी थी. समझ के जिसको अपना इठला रह... Read post