#1 जब तक जाना खुद को ... जून 11, 2012 ・0 comments ・Topic: कविता कुसि जीवन जब तक जाना खुद को, देर बहुत होगई थी. वक़्त कैसे फ़िसला हाथ से, सुइया तो अबभी वहीँ थमी थी. समझ के जिसको अपना इठला रह... Read post
#2 पिछली रात को .... फ़रवरी 07, 2008 ・2 comments ・Topic: कुसि पिछली रात को .... हिन्दी kuldeep इंतजार जैसे उसका इमान हो कुछ एसे ही वो इंतजार करता रहा उस लहर का, जो छोड़ गयी थी कल रात कुछ सीपिया तो कुछ मोती जैसे कदमो के निशां लहरों का क्... Read post