#1 सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तान हमारा अप्रैल 05, 2008 ・1 comments ・Topic: इकबाल देशभक्ति सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तान हमारा हम बुलबुलें है इस की, यह गुलसितां हमारा घुर्बत में हों अगर हम, रहता है दिल वतन में समझो वहीं हमें भी, द... Read post
#2 आज होली है मार्च 22, 2008 ・0 comments ・Topic: होली ~भारतेंदु हरिश्चंद्र~ गले मुझको लगा लो ए दिलदार होली में । बुझे दिल की लगी भी तो ए याए होली में ।। नहीं यह है गुलाले सुर्ख उड़ता हर जगह... Read post
#3 होली मार्च 21, 2008 ・0 comments ・Topic: मीराबाई सूरदास होली ~~ सूरदास ~~ हरि संग खेलति हैं सब फाग। इहिं मिस करति प्रगट गोपी: उर अंतर को अनुराग।। सारी पहिरी सुरंग , कसि कंचुकी , काजर दे दे नैन। बनि ब... Read post
#5 समझे वही इसको जो हो दीवाना किसी का मार्च 17, 2008 ・1 comments ・Topic: अकबर इलाहाबादी समझे वही इसको जो हो दीवाना किसी का 'अकबर' ये ग़ज़ल मेरी है अफ़साना किसी का गर शैख़ो-बहरमन सुनें अफ़साना किसी का माबद न रहे काब-ओ-बुत... Read post
#6 यादें थी कि आज भी उतनी हसीं मार्च 17, 2008 ・0 comments एक वक्त था जब वक्त कटता नही था उ नकी याद आने के बाद एक वक्त है आज , जब वक्त कट जाता है उनकी याद आने के बाद ... Read post
#7 दिन बसन्त के मार्च 09, 2008 ・0 comments ・Topic: ठाकुरप्रसाद सिंह पिछली रात को .... बसंत हिन्दी दिन बसन्त के राजा-रानी-से तुम दिन बसन्त के आए हो हिम के दिन बीतते दिन बसन्त के पात पुराने पीले झरते हैं झर-झर कर नई क... Read post