#1

Archan

सितंबर 14, 2018 ・0 comments
अर्चन किसी की महत्ता मानते हुए श्रद्धापूर्वक उसकी पूजा करने की क्रिया या भाव अर्चन -  पूजन, वंदन, उपासना  को अर्चन कहते है. तथा  वंदन...
Archan
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#2

Mulla Nasruddin | मुल्ला नसरुद्दीन

सितंबर 14, 2018 ・0 comments
मुल्ला नसरुद्दीन होजा तुर्की (और संभवतः सभी इस्लामी देशों का) सबसे प्रसिद्द विनोद चरित्र है। तुर्की भाषा में होजा शब्द का अर्थ है शिक्षक...
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#3

फूल थे बादल भी था

सितंबर 14, 2018 ・0 comments
ख़्वाहिशें हैं घर से बाहर दूर जाने की बहुत शौक़  लेकिन दिल में वापस लौट कर आने का था  फूल थे बादल भी था, और वो हसीं सूरत भी थी दिल म...
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#4

हिंदी दिवस

सितंबर 14, 2018 ・0 comments
14 सितंबर, 1949 के दिन हिंदी को राजभाषा का दर्जा मिला था. तब से हर साल यह दिन हिंदी दिवस के तौर पर मनाया जाता है ।  पहला हिंदी दिवस 14 सि...
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#5

निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल

सितंबर 13, 2018 ・0 comments
मातृ-भाषा के प्रति निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल। बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल।। अंग्रेज़ी पढ़ि के जदपि, सब गुन होत...
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#6

प्रिय इन नयनों का अश्रु-नीर!

सितंबर 11, 2018 ・0 comments
 ~~~~ प्रिय इन नयनों का अश्रु-नीर! प्रिय इन नयनों का अश्रु-नीर! दुख से आविल सुख से पंकिल, बुदबुद् से स्वप्नों से फेनिल, बहता है युग-...
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#7

Jab Jab ye saavan aaya ......

सितंबर 10, 2018 ・0 comments
जब जब ये सावन आया है। अँखियाँ छम छम सी बरस गई। तेरी यादों की बदली से। मेरी ऋतुएँ भी थम सी गई । घनघोर घटा सी याद तेरी । जो छाते ही ...
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#8

हिंदी पखवाड़ा

सितंबर 10, 2018 ・0 comments
टूटे धागों को  फिर से जोड़ते हैं  चलो....  खामोशी तोड़ते हैं!!! वसुंधरा व्यास की इन पंक्तियों के साथ आप सभी आमंत्रित है, अपने आप को अभियक...
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#9

प्रेम की कविता

सितंबर 10, 2018 ・0 comments
वह मेरी खिड़की के सामने धीरे से बोली-- ‘म्याऊँ’ मैं उस समय सोया हुआ था मुझे लगा मेरी नींद में आ गई है कोई बिल्ली उसकी लम्बी छलांग से ...
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#10

नज़्म : वो लोग बहुत खुशकिस्‍मत

सितंबर 10, 2018 ・0 comments
वो लोग बहुत खुशकिस्‍मत थे जो इश्‍क को काम समझते थे या काम से आशिकी रखते थे हम जीते जी नाकाम रहे ना इश्‍क किया ना काम किया काम इश्‍क में ...
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#11

भारतेन्दु हरिश्चन्द्र

सितंबर 09, 2018 ・0 comments
भारतेन्दु हरिश्चन्द्र (9 सितंबर 1850-6 जनवरी 1885) आधुनिक हिंदी साहित्य के पितामह कहे जाते हैं। वे हिन्दी में आधुनिकता के पहले रचनाकार थे।...
भारतेन्दु हरिश्चन्द्र
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#12

प्रकाश फ़िक्री

सितंबर 06, 2018 ・0 comments
प्रकाश फ़िक्री (1930-2008, रांची, भारत) (ज़हीरुल हक़) आधुनिक उर्दू शायर किताबें: सफ़र सितारा और एक ज़रा सी बारिश आँधियाँ आती हैं और पेड...
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