#1

आपसे बेहद मुहब्बत है मुझे

मई 05, 2010 ・0 comments
आपसे बेहद मुहब्बत है मुझे आप क्यों चुप हैं ये हैरत है मुझे शायरी मेरे लिए आसाँ नहीं झूठ से वल्लाह नफ़रत है मुझे रोज़े-रिन्दी है नसीबे-...
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#2

हमको मिटा सके ये ज़माने में दम नहीं

मई 01, 2010 ・0 comments
हमको मिटा सके ये ज़माने में दम नहीं जिगर मुरादाबादी हमको मिटा सके ये ज़माने में दम नहीं हमसे ज़माना ख़ुद है ज़माने से हम नहीं बेफ़ायदा...
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#3

शब्दकोष / Dictionary

अगस्त 09, 2006 ・0 comments
यहाँ पर कुछ ओपन सोर्स / क्रिएटिव कमान/ कोमेर्सिअल शब्दकोषों के लिंक दिए जा रहे है। इनका प्रयोग ऑनलाइन किया जा सकता है। कुछ वेबसाइट ऑफलाइन प्...
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