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गदाधर भट्ट | झूलत नागरि नागर लाल।

नवंबर 16, 2024 ・0 comments
झूलत नागरि नागर लाल। मंद मंद सब सखी झुलावति गावति गीत रसाल॥ फरहराति पट पीत नीलके अंचल चंचल चाल। मनहुँ परसपर उमँगि ध्यान छबि, प्रगट भई तिहि ...
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