आओ मुक़ाबला करें

फ़रवरी 17, 2008 ・0 comments

 

उसे यह फ़िक्र है हरदम तर्ज़-ए-ज़फ़ा क्या है
हमें यह शौक है देखें सितम की इंतहा क्या है
दहर  से क्यों ख़फ़ा रहें,
चर्ख  से क्यों ग़िला करें
सारा जहां अदु सही, आओ मुक़ाबला करें ।

                                                       ---सरदार भगत सिंह

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Tippadiya :

  • तर्ज़-ए-ज़फ़ा = अन्याय, दहर = दुनिया, चर्ख = आसमान, अदु = दुश्मन
  • दिल से निकलेगी न मरकर भी वतन की उल्फ़त
    मेरी मिट्टी से भी खुस्बू ए वतन आएगी ।
  • ट्रायल के दौरान दिया गया उनका यह मशहूर बयान:  http://www.raviwar.com/news.asp?c3

 

 

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