मई 27, 2008 ・0 comments


"उद्देश्य जन्म का नहीं कीर्ति या धन है,
सुख नहीं धर्म भी नहीं न तो दर्शन है,
विज्ञान ज्ञान बल नही न तो चिंतन है,
जीवन का अन्तिम ध्येय स्वयं जीवन है."

रामधारी सिंह दिनकर

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