आपसे बेहद मुहब्बत है मुझे आप क्यों चुप हैं ये हैरत है मुझे शायरी मेरे लिए आसाँ नहीं झूठ से वल्लाह नफ़रत है मुझे रोज़े-रिन्दी है नसीबे-दीगराँ शायरी की सिर्फ़ क़ूवत है मुझे नग़मये-योरप से मैं वाक़िफ़ नहीं देस ही की याद है बस गत मुझे दे दिया मैंने बिलाशर्त उन को दिल मिल रहेगी कुछ न कुछ क़ीमत मुझे अकबर इलाहाबादी रोज़े-रिन्दी = शराब पीने का दिन नसीबे-दीगराँ = दूसरों की क़िस्मत में क़ूवत = ताक़त
हिन्दी की प्रसिद्ध रचनाओं का सन्कलन Famous compositions from Hindi Literature