बसंत पंचमी
फ़रवरी 10, 2008 ・0 comments ・Topic: बसंत बसंत पंचमी सरस्वती
ऋतुराज वसंत का आगमन होचुका है । और आज बसंत पंचमी है --- बसंत पर्व का प्रथम दिवस । इसी दिन श्री यानी विद्या की अधिष्ठात्री, ज्ञान की देवी माँ सरस्वती प्राक्ट्योत्सव मनाया जाता है। इसी दिन सूर्य कुंभ राशि में प्रवेश कर जाता है। हर ओर पेड़-पौधे अपनी पुरानी पत्तियों को त्यागकर नई कोपलों से आच्छादित दिखाई देते हैं। समूचा वातावरण पुष्पों की सुगंध से भर उठता है । चारो और वसंत के आगमन की सूचना बटाते हुए भौरे गुंजन करते है। इसी दिवस को माँ शारदा की वंदना की जाती है ज्ञान प्राप्ति के लिए
सरस्वती वंदना
~१~
सरस्वती तु 'धी' देवी च प्रजापतिः । 'ऐं' बीजं कश्यपश्चषिर्यर्न्त्रं चाऽपि सरस्वती॥ कथितान्यस्य भूती तु हषार् च प्रभवा पुनः । कलात्मता स उल्लासो द्वयं प्रतिफलं मतम्॥
~२~
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्तावृता
या वीणावरदंडमंडितकरा या श्वेतपद्मासना ।
या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभितिभिर्देवैःसदावंदिता
सामांपातु सरस्वतीभगवती निःशेषजाड्यापहा ।।
शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं
वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्।
हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम् वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम् ।।
पठनीय :-
एक टिप्पणी भेजें
हिन्दी की प्रसिद्ध कवितायें / रचनायें
Published on http://rachana.pundir.in
If you can't commemt, try using Chrome instead.