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फ़ासले ऐसे भी होंगे ये कभी सोचा भी न था
नवंबर 16, 2015 ・0 comments ・Topic: अदीम हाशमी ग़ज़ल
फ़ासले ऐसे भी होंगे ये कभी सोचा भी न था सामने बैठा था मेरे और वो मेरा न था वो के ख़ुश-बू की तरह फैला था चार सू मैं उसे महसूस कर सकता था छू ...
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