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पुष्प की अभिलाषा

फ़रवरी 12, 2008 ・0 comments
  चाह नहीं मैं सुरबाला के गहनों में गूंथा जाऊँ, चाह नहीं प्रेमी-माला में बिंध प्यारी को ललचाऊँ, चाह नहीं, ...
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