#1

तलाश

अगस्त 01, 2008 ・0 comments
एक छंद ऑरकुट से .................. हर नज़र को एक नज़र की तलाश है, हर चेहरे में कुछ तोह एह्साह है, आपसे दोस्ती हम यूँ ही नहीं कर बैठे, क्य...
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#2

कुछ छंद ओरकुट से

फ़रवरी 08, 2008 ・0 comments
तो पेश-ए-खिदमत है , कुछ चुने हुए पद्य , ओरकुट से १ रहो जमीं पे मगर आसमां का ख्वाब रखो तुम अपनी सोच को हर वक्त लाजवाब रखो खड़े न हो सको इतना ...
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